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    क्यों रखे जाते हैं रोजे, क्या हैं सेहरी और इफ्तार के मायने?

    रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं. सहरी के बाद पूरे दिन कुछ न खाकर रोजा रखते हैं और शाम को कई सारे पकवानों से इफ्तार करते हैं. आइए जानते हैं पकवानगली में जावेद अख़्तर की जुबानी क्या है रोजे और इफ्तार की कहानी...

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ज़ायके का सबसे बड़ा अड्डा

पकवान गली में आपका स्‍वागत है!

आप हर वक्‍त खाने-खिलाने का ढूंढते हैं बहाना तो ये है आपका परमानेंट ठिकाना. कुछ खाना है, कुछ बनाना है और सबको दिखाना भी है, लेकिन अभी तक आपके हुनर और शौक को नहीं मिल पाया है कोई मुफीद पता तो आपकी मंजिल का नाम है पकवान गली.


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