जानें विश्वकर्मा पूजा पर क्या बनता है खास

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इस साल आज यानी 16 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा है. भगवान विश्वकर्मा को निर्माण के नियंता कहा जाता है. हर साल विश्वकर्मा पूजा बड़े ही धूम-धाम से 17 सिंतबर को मनाई जाती है. यह तिथि बांग्ला महीने के भद्र पद के आखिरी दिन पड़ती है. देशभर में हर कोई इस दिन अपनी फैक्टरी में , कारखाने में , स्कूटर की , बस-साईकल की , कंपनी या कार्यस्थल में विश्वकर्मा पूजा का आयोजन करता है.
इस साल आज यानी 16 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा है. भगवान विश्वकर्मा को निर्माण के नियंता कहा जाता है. हर साल विश्वकर्मा पूजा बड़े ही धूम-धाम से 17 सिंतबर को मनाई जाती है. यह तिथि बांग्ला महीने के भद्र पद के आखिरी दिन पड़ती है. देशभर में हर कोई इस दिन अपनी फैक्टरी में , कारखाने में , स्कूटर की , बस-साईकल की , कंपनी या कार्यस्थल में विश्वकर्मा पूजा का आयोजन करता है.
पूरे साल सुचारू रूप से कामकाज के चलने के लिए भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है. बंगाल, ओडिशा और पूर्वी भारत में खासतौर पर इस पर्व को मनाया जाता है. आइए जानते हैं विश्वकर्मा पूजा पर बनाए जाने वाले ऐसे कुछ खास पकवानों के बारे में जिन्हें प्रसाद के तौर पर भगवान विश्वकर्मा को चढ़ाया जाता है और फिर शाम को लोगों में बांटा जाता है.

खिचड़ी
भगवान विश्वकर्मा को प्रसाद में मूंगदाल की खिचड़ी का भोग लगाया जाता है. इस खिचड़ी को बनाने के लिए सबसे पहले मूंगदाल को सूखा भूना जाता है और फिर घी, सूखी लाल मिर्च, पंचफोरन, तेजपत्ता का तड़का लगाते हुए आलू, मटर और टमाटर के साथ बनाया जाता है. बंगाल में इसे खिचूरी कहा जाता है. 

पायेश
हर पूजा अर्चना में मीठे का भोग तो लगाया ही जाता है. ऐसे में विश्वकर्मा पूजा में पायेश यानि चावल की खीर तो बनाई ही जाती है. इसे आप खजूर वाले गुड़ से भी बना सकते हैं. (खजूर गुड़ की खीर)

बूंदी के लड्डू
लोगों में प्रसाद के तौर पर बूंदी के लड्डू भी बांटे जाते हैं. अगर आपको लगता है कि इसे घर पर बनाना बहुत ही मुश्किल का काम है तो हम आपको बता दें कि इसे भी आप आसानी से घर पर बना सकते हैं. (बूंदी के लड्डू बनाने की सबसे बढ़िया विधि)

नारियल के लड्डू
नारियल के लड्डूओं का भी भगवान विश्वकर्मा को भोग लगाया जाता है. इसे घर पर बनाना तो बेहद आसान है, जरूरत होती है तो बस नारियल बूरा, चीनी बूरा, घी और इलायची पाउडर की. बंगाल में नारियल के लड्डूओं में चुटकी भर खाने वाला कपूर भी डाला जाता है. (नारियल के लड्डू)

फल
फल प्रसाद रखना तो हर पूजा का ही नियम होता है. केला, सेब, अंगूर, नारियल जैसे और भी कई फलों का भोग विश्वकर्मा जी को लगाया जाता है.