क्यों की जाती है नहाय-खाय से छ्ठ की शुरुआत

offline
किसी भी पूजा से पहले नहाना सबसे अहम होता है. नहा-धोकर, नए वस्त्र पहनकर ही पूजा की तैयारियां शुरु की जाती हैं. बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाए जाने वाले छ्ठ महापर्व की शुरुआत भी नहाय-खाय से होती है, यानी पहले स्नान कर शुद्ध होना. इस दिन सुबह-सुबह नहा धोकर सबसे पहले खुद को पवित्र किया जाता है.

विधि

किसी भी पूजा से पहले नहाना सबसे अहम होता है. नहा-धोकर, नए वस्त्र पहनकर ही पूजा की तैयारियां शुरु की जाती हैं. बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाए जाने वाले छ्ठ महापर्व की शुरुआत भी नहाय-खाय से होती है, यानी पहले स्नान कर शुद्ध होना. इस दिन सुबह-सुबह नहा धोकर सबसे पहले खुद को पवित्र किया जाता है.

ऐसे करें छ्ठ पर्व के पहले दिन की शुरुआत:

- नहाय खाय के दिन सूर्योदय का समय है सुबह 6 बजकर 27 मिनट.
- इस दिन सबसे पहले घर की पूरी साफ-सफाई की जाती है और फिर किसी नदी या तालाब के पानी से नहा कर साफ वस्त्र पहने जाते हैं.
- नहाय खाय के दिन गंगा स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है.
- छठ करने वाली व्रती महिला या पुरुष शुद्ध घी में चने की दाल और लौकी की सब्जी बनाते है.
- छ्ठ के पहले ही दिन से नमक का त्याग कर दिया जाता है. केवल सेंधा नमक का ही इस्तेमाल किया जा सकता है.
- खाने में कद्दू और अरवा चावल जरूर बनया जाता है.
- सूर्य को भोग लगाकर व्रती दिन में केवल एक बार ही भोजन ग्रहण करते हैं. घर के सभी सदस्य भी यही खाते हैं.
- भोजन पूरी तरह से शुद्ध शाकाहारी ही बनाया जाता है.