षष्ठी: मां कात्यायनी को लगाएं इन चीजों का भोग,देवी होंगी प्रसन्न

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नवरात्र के छठे दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा की जाती है. शास्त्रों के अनुसार देवी ने कात्यायन ऋषि के घर उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया और इसी वजह से इनका नाम कात्यायनी पड़ गया. शिक्षा प्राप्ति के क्षेत्र में प्रयासरत भक्तों को माता की अवश्य उपासना करनी चाहिए.
नवरात्र के छठे दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा की जाती है. शास्त्रों के अनुसार देवी ने कात्यायन ऋषि के घर उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया और इसी वजह से इनका नाम कात्यायनी पड़ गया. शिक्षा प्राप्ति के क्षेत्र में प्रयासरत भक्तों को माता की अवश्य उपासना करनी चाहिए.

मान्यता है कि देवी कात्यायनी की आराधना से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाया जाता है. प्रसाद में आप शहद से बनी चीजें भी चढ़ा सकते हैं.

अब जानिए कि नवरात्र व्रत में क्यो जरूरी है फल और पानी का सेवन:

हिंदू धर्म में व्रत रखना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. नवरात्रि पर देवी पूजन और नौ दिन का व्रत किया जाता है. इन नौ दिनों में किए जाने वाले व्रत के कुछ नियम भी होते हैं.व्रत रखने के अपने अलग-अलग नियम होते हैं. कुछ लोग लिक्विड पर व्रत रखते हैं तो कुछ लोग केवल फल खाकर. बता दें कि व्रत के दौरान यह बहुत जरूरी होता है कि आप थोड़ी-थोड़ी देर में व्रत का कुछ न कुछ खाते रहें.

सबसे उत्तम होता है फ्रूट्स और लिक्विड चीजें लेना. पानी पीते रहने से डिहाईड्रेशन की समस्या नहीं होती है. ऐसा न करने से चक्कर आने लगते हैं. लिक्विड में आप सिर्फ पानी ही नहीं बल्कि दूध, छाछ, दही , ताजे फलों का जूस आदि का सेवन कर सकते हैं.

इसी के साथ फ्रूट्स खाना भी बहुत सेहतमंद माना जाता है. फ्रूट्स में सेब , मौसमी फल तो जरूर शामिल करें. थोड़े-थोड़े अंतराल में खाते रहने से गैस्ट्रिक की समस्या भी नहीं होती है. आप चाहें तो उबले आलू भी दही के साथ खा सकते हैं.