छानकर या बिना छाने, कैसे आटे की रोटी बनाना सही है?

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क्या आटे को चालकर या छानकर इस्तेमाल करना ठीक होता है? आटे को छानने से इसमें से चोकर निकल जाता है. इसे बेकार समझकर फेंक दिया जाता है. बाजार में बिकने वाला आटा भी बहुत महीन होता है.

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क्या आटे को चालकर या छानकर इस्तेमाल करना ठीक होता है? आटे को छानने से इसमें से चोकर निकल जाता है. इसे बेकार समझकर फेंक दिया जाता है. बाजार में बिकने वाला आटा भी बहुत महीन होता है.

हालांकि ऐसा माना जाता है कि ऐसे आटे से बनी रोटियां मुलायम होती हैं, लेकिन ये कितनी खतरनाक हो सकती हैं इसका अंदाजा बहुत कम लोगों को होता है. दरअसल, चोकर निकल जाने के बाद उस आटे की पौष्टिकता कम हो जाती है.

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गेहूं की बात करें तो इसके चोकर में बहुत सारे लवण और विटामिन होते हैं. इसी वजह से इसे आदर्श रेशा भी कहा जाता है. चोकर वाला आटा इस्तेमाल करना इसलिए ज्यादा जरूरी है क्योंकि जो तत्व हमें चोकर से मिलते हैं वो और कहीं से नहीं मिल पाते हैं. चोकरयुक्त आटे की रोटियां खाने से कई गंभीर बीमारियों से भी बचा जा सकता है.

चोकर युक्त आटा खाने के ये हैं शानदार फायदे

- चोकरयुक्त आटे का इस्तेमाल करने से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है. इससे आँतो में चिपका हुआ मल और गंदगी साफ हो जाती है. आंतों के साफ रहने से गैस नहीं बनती और पेट फूलने की समस्या नहीं होती है.

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- ये अमाशय के घावों को भरने का काम करता है.

- कोलेस्ट्रॉल को संतुलित करने के लिए भी चोकर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. कोलेस्ट्रॉल को नियमित करके ये दिल से संबंधित बीमारियों को भी होने से रोकता है.

- अपेंडिसाइटिस और बवासीर जैसी बीमारियों में भी चोकर वाला आटा बहुत फायदेमंद होता है.

- ये फाइबर का खजाना होता है जो मोटापा घटाने में भी कारगर होता है.