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    जानिए कलाम के खाने से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से

    भारत के 11वें राष्ट्रपति रह चुके भारत रत्न से सम्मानित डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की आज पुण्यतिथि है. वे एक विश्व विख्यात हस्ती थे. 15 अक्टूबर 1931 को कलाम का जन्म (रामेश्वरम) तमिलनाडु के छोटे से गांव धनुषकोडी में एक मध्यमवर्ग मुस्लिम परिवार में हुआ था और 27 जुलाई 2015 को उन्होंने अंतिम सांस ली थी. कलाम का जीवन बहुत ही संघर्षमय बीता. जितना संघर्षपूर्ण उनका जीवन था, उतना ही सरल था उनका व्यक्तित्व और खान-पान.

    विधि

    भारत के 11वें राष्ट्रपति रह चुके भारत रत्न से सम्मानित डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की आज पुण्यतिथि है. वे एक विश्व विख्यात हस्ती थे. 15 अक्टूबर 1931 को कलाम का जन्म (रामेश्वरम) तमिलनाडु के छोटे से गांव धनुषकोडी में एक मध्यमवर्ग मुस्लिम परिवार में हुआ था और 27 जुलाई 2015 को उन्होंने अंतिम सांस ली थी. कलाम का जीवन बहुत ही संघर्षमय बीता. जितना संघर्षपूर्ण उनका जीवन था, उतना ही सरल था उनका व्यक्तित्व और खान-पान.

    सादगी से भरपूर डॉक्टर कलाम को मां के हाथों का बना खाना सबसे प्रिय था. वे मां के हाथ का बना चावल, सांभर और नारियल की चटनी बहुत पसंद करते थे.

    महेश दत्त शर्मा द्वारा लिखित Pride of the Nation: Dr. APJ Abdul Kalam में उन्होंने कहा है कि कभी-कभार वे किचन में ही मां के साथ खाना खा लिया करते थे और उनकी मां उन्हें उनकी पसंदीदा डिश केले के पत्ते पर सर्व किया करती थीं.

    मिसाइल मैन कहलाने वाले कलाम शुद्ध शाकाहारी थे. वे सही खान-पान और हेल्दी रहने में बहुत विश्वास रखते थे. कलाम ज्यादातर साउथ इंडियन खाने के ही शौकीन थे. Vendhya Kozhambu and Puliyodare ऐसे दो पारंपरिक पकवान हैं जिन्हें कलाम बड़े चाव से खाते थे.

    एक अखबार को दिये गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि 1950 में अपने कॉलेज के दौरान पैसों की दिक्कत की वजह से वे शाकाहारी बने, पर धीरे-धीरे उन्हें ये खाना बेहद पसंद आने लगा. उनका यह भी कहना था कि वे जहां भी जाते थे वहीं का खान-पान खाना पसंद करते थे.

    1960 से लेकर 80 तक कलाम तिरुवनंतपुरम के एक छोटे से शाकाहारी रेस्टोरेंट 'Guruvayoorappa' में खूब जाया करते थे और इसी वजह से इस रेस्टोरेंट में चारों तरफ कलाम की ही फोटोज लगी हुई हैं.

    कलाम कभी भी ज्यादा या कम नमक होने की जरा-सी भी शिकायत नहीं करते थे. केवल अपना ही नहीं बल्कि कलाम अपने साथ काम करने वालों के खान-पान का भी बहुत ध्यान रखा करते थे. खान-पान से लेकर रहन-सहन तक बिल्कुल सादा जीवनयापन करते थे डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम.

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