• X

    क्या बूटी के नाम पर लक्ष्मण को पिलाई गई थी पहली पीढ़ी की चाय?

    देश में रोजाना ज्यादातर लोग दिन की शुरुआत चाय के साथ करते हैं. किसी को मसाला चाय पसंद होती है तो किसी को ग्रीन टी और दूध वाली चाय. जब कभी आप किसी के घर भी जाते हैं तो वहां आपका स्वागत चाय से ही होता है.

    विधि

    देश में रोजाना ज्यादातर लोग दिन की शुरुआत चाय के साथ करते हैं. किसी को मसाला चाय पसंद होती है तो किसी को ग्रीन टी और दूध वाली चाय. जब कभी आप किसी के घर भी जाते हैं तो वहां आपका स्वागत चाय से ही होता है.

    वहीं विदेशों में भी भारतीय चाय काफी प्रसिद्ध है. भारत के लोगों के लिए यह एक प्रेम की तरह है. भारत में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद तो यह चाय राजनीति का भी हिस्सा बन गई. जिसका असर प्रधानमंत्री के 'चाय पे चर्चा' से साफ दिखता है.

    चाय से कई किस्से और इतिहास भी जुड़े हुए है. एक पौराणिक कथा कहती है कि लक्ष्मण को जीवित करने के लिए त्रेता युग में संजीवनी बूटी का मिश्रण पहली पीढ़ी वाली चाय कहलाती है, जबकि अन्य यह दावा भी करते हैं कि एक प्राचीन बौद्ध भिक्षु था, जिसने गलती से चायपत्ती की खोज की थी.
    (दक्षिण अफ्रीका में कश्मीरी चिली चिकन समोसे ने की जीत अपने नाम)

    ऐसी कई और भी बातें हैं जो चाय के साथ जुड़ी हुई हैं, लेकिन इन सभी किंवदंतियों के बीच एक आम बात यह है कि सभी पत्तियां वृक्ष हैं जिन उल्लेख कई कहानियों मिलता है, जो कैमिला साइनेंसिस के समान थी, एक चाय झाड़ी जिसे पहली बार 1823 में असम के रॉबर्ट ब्रूस और उनके भाई चार्ल्स ने खोजा था.

    (अच्छा! तो इसलिए गुजराती हर खाने में डालते हैं मीठा)

    जब अंग्रेजों ने भारत में चाय बनाना शुरू कर दिया, तो वे इसे एक लाभदायक व्यवसाय बनाने और भारतीयों के लिए एक सामान्य पेय बनाने के लिए निकल गए. लेकिन वास्तव में, ब्रिटिश राज के दौरान मुफ्त में चाय दी जाती थी. ब्रिटिश सेल्समैन हर घर जाकर नि: शुल्क चाय के नमूने दिया करते थे.

    (इस रेस्टोरेंट में रोबोट सर्व करते हैं खाना, जानिए क्या है खास)

    वहीं आप को बता दें कि कई चाय इतिहासकार यह भी मानते हैं कि दूधवाली चाय गुजरात, महाराष्ट्र और बंगाल के व्यापारियों ने यात्रा के दौरान विकसित की थी.

    आाज भारत में, आप कहीं भी छोटे-छोटे चाय के स्टॉल देख सकते हैं, जो आपको अपने पसंदीदा चाय की सेवा देते दिख जाएंगे. जबकि कई लोग ऐसे भी दिख जाएंगे जो चाय के साथ देश के छोटे से लेकर बड़े मुद्दों पर चर्चा कर रहें होंगे.

    (नाश्ते में सबसे ज्यादा डोसा खाने के दीवाने हैं भारतीय)

    क्‍या ये रेसिपी आपको पसंद आई?


    अपने दोस्‍त के साथ साझा करें
    टैग्स
Good 0
Poor 0

Advertisment

ज़ायके का सबसे बड़ा अड्डा

पकवान गली में आपका स्‍वागत है!

आप हर वक्‍त खाने-खिलाने का ढूंढते हैं बहाना तो ये है आपका परमानेंट ठिकाना. कुछ खाना है, कुछ बनाना है और सबको दिखाना भी है, लेकिन अभी तक आपके हुनर और शौक को नहीं मिल पाया है कोई मुफीद पता तो आपकी मंजिल का नाम है पकवान गली.


ज़ायका ही आपकी जिंदगी है तो हमसे साझा करें अपनी रेसिपी, कुकिंग टिप्‍स, किसी रेस्‍टोरेंट या रोड साइड ढाबे का रिव्‍यू.

रेसिपी फाइंडर

या
कुछ मीठा हो जाए