• X

    खाने-पीने की वो पांच चीजें जो मोदी की वजह से चर्चा में आईं

    खान-पान को लेकर हम अक्सर बताते रहते हैं कि क्या खाएं या क्या न खाएं. खाने-पीने की वो चीजें जो आप बनाते रहते हैं उन्हें तो आप जानते ही हैं, लेकिन यहां हम बता रहे हैं उन 5 चीजों के बारे में जो सियासी गलियारों में मोदी की वजह से चर्चा में आईं.

    विधि

    खान-पान को लेकर हम अक्सर बताते रहते हैं कि क्या खाएं या क्या न खाएं. खाने-पीने की वो चीजें जो आप बनाते रहते हैं उन्हें तो आप जानते ही हैं, लेकिन यहां हम बता रहे हैं उन 5 चीजों के बारे में जो सियासी गलियारों में मोदी की वजह से चर्चा में आईं.

    मशरूम
    गुजरात चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता अल्‍पेश ठाकोर ने पीएम नरेंद्र मोदी पर 80 हजार रुपये प्रति पीस मशरूम खाने का आरोप लगाया था. अल्‍पेश ठाकोर के अनुसार मोदी रोजाना 80 हजार कीमत वाली 5 मशरूम खाते हैं, पर सच्चाई यह है कि मोदी जिस प्रजाति का मशरूम खाना पसंद करते हैं वे हिमालय के पहाड़ों पर पाया जाता है और उन्हें 'गुच्छी' के नाम से जाना जाता है. इसकी बिक्री इसे सुखाने के बाद ही शुरू होती है. वैसे तो यह मशरूम 10,000 रुपये किलो भी मिल जाता है पर चूंकि इसकी पैदावार बहुत कम होती है, इसलिए कीमत 30,000 रुपये प्रतिकिलो तक भी पहुंच जाती है. देश में मशरूम की इतनी चर्चा सिर्फ और सिर्फ मोदी के कारण हुई है.

    पकौड़ा
    भारत में पकौड़ों को लेकर भी राजनीतिक सरगर्मियां तेज रही हैं. पकौड़े को लेकर पीएम मोदी ने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि पकौड़ा बेचना भी एक रोजगार है. पीएम के इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने जगह-जगह पर पकौड़े तलकर इस बयान की निंदा की थी. बता दें कि पकौड़ा एक ऐसा फ्राइड स्नैक्स है जो भारत ही नहीं बल्कि पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल में भी बहुत फेमस है. इसे महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में पकौड़ा न कहकर भाजी कहा जाता है. पकौड़ा ब्रिटेन (खासतौर पर स्कॉटलैंड) में भी बहुत फेमस है. वहां इसे दही की ग्रेवी के साथ खाया जाता है.

    खिचड़ी
    खिचड़ी को जो केवल ब्रेकफास्ट तक सीमित थी. लोग खाने से कतराते थे, लेकिन इसी खिचड़ी को पीएम मोदी ने एक अभियान के तहत पूरे विश्व में पहचान दिला दी. इसे Global Food Expo द्वारा आयोजित 'World Food India 2017' में भारत की ओर से सुपर फूड के रूप में घोषित किया गया. यह न केवल भारत का सुपर फूड बना बल्कि सबसे ज्यादा मात्रा में खिचड़ी बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी हमारे नाम हुआ. खिचड़ी सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि चीन को छोड़कर देश की सीमा से लगे देशों में भी खूब फेमस है.

    बीफ
    मोदी सरकार के इन चार सालों बीफ को लेकर सियासी पार भी खूब चढ़ा. इसे इसे लेकर भी दो समुदायों में हिंसक घटनाएं हुआं. किसी ने खाने को लेकर जान दी तो किसी ने गाय बचाने को लेकर. बीफ खाने वालों को लेकर यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भी सख्ती बरती. उन्होंने तो गौ रक्षा के लिए कानून तक बनाने की बात कही. सत्ता में आते ही उन्होंने यूपी से बूचड़खाने बंद करने का काम किया. बीफ का मुद्दा नोएडा से पूरे देश में तेजी से फैला था. मोदी के सत्ता में आते ही यह बीफ खाने को लेकर दादरी के इखलाख की कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी. इस मुद्दे ने विपक्ष को मोदी को घेरने का एक बड़ा बड़ा मुद्दा दे दिया था. देशभर में साहित्यकारों ने अवॉर्ड वापसी अभियान छेड़ दिया था. खान-पान को लेकर लोगों की अपनी च्वॉइस है. 

    चाय
    केंद्र में बतौर पीएम नरेंद्र मोदी को चार साल पूरे हो गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो मोदी बचपन में गुजरात के वडनगर रेलवे स्टेशन के एक प्लेटफॉर्म पर चाय बेचते थे. लोकसभा चुनाव 2014 में उन्होंने हर चुनावी रैली में खुद को चाय बेचने वाला बोला था. जब तब भी रैली हुई उन्होंने चाय की तारीफ की. हालांकि चाय की खोज का श्रेय 16वीं सदी में पुर्तगाली और चीनी व्यापारियों को जाता है. ब्रिटिशर्स द्वारा ही भारत को चाय की पैदावार और इसके सेवन के बारे में पता चला. चाय की इतनी चर्चा पिछले चार वर्षों में यानी मोदी के आने बाद जितनी हुई, इससे पहले कभी नहीं हुई. हालांकि भारत में असम में सबसे पहले 1806 में चाय की पैदावार की गई. भारत में असम की चाय और पश्चिम बंगाल के दार्जीलिंग की चाय बहुत मशहूर है. इसे असम में स्थानीय पेय का नाम भी मिला.

    क्‍या ये रेसिपी आपको पसंद आई?
    2


    अपने दोस्‍त के साथ साझा करें
    टैग्स
Good 1
Poor 2

Advertisment

ज़ायके का सबसे बड़ा अड्डा

पकवान गली में आपका स्‍वागत है!

आप हर वक्‍त खाने-खिलाने का ढूंढते हैं बहाना तो ये है आपका परमानेंट ठिकाना. कुछ खाना है, कुछ बनाना है और सबको दिखाना भी है, लेकिन अभी तक आपके हुनर और शौक को नहीं मिल पाया है कोई मुफीद पता तो आपकी मंजिल का नाम है पकवान गली.


ज़ायका ही आपकी जिंदगी है तो हमसे साझा करें अपनी रेसिपी, कुकिंग टिप्‍स, किसी रेस्‍टोरेंट या रोड साइड ढाबे का रिव्‍यू.

रेसिपी फाइंडर

या
कुछ मीठा हो जाए