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    Hartalika Teej 2019: जानिए इस दिन कहां क्या-क्या बनाया जाता है?

    हरतालिका तीज भारत का एक खास व्रत-त्योहार है. इसे हरतालिका तीज भी कहा जाता है. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. हर त्योहार की तरह इस त्योहार में भी घर में स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं. यह एक ऐसा व्रत है जिसमें 24 घंटे निर्जला व्रत रखती हैं और इसके बाद व्रत तोड़ती हैं. मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में इस व्रत को खोलने के लिए मुख्यरूप से कढ़ी-चावल खाया जाता है. साथ में खीरा और गुजिया होती हैं. व्रत के दिन महिलाएं गुझिया, ठेठरा (बेसन से बनी नमकीन), खाजा, घेवर, गुड़पारे, शक्करपारे के साथ ही पारंपरिक मिठाइयां भी बनाती हैं.

    हरतालिका तीज भारत का एक खास व्रत-त्योहार है. इसे हरतालिका तीज भी कहा जाता है. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. हर त्योहार की तरह इस त्योहार में भी घर में स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं. यह एक ऐसा व्रत है जिसमें 24 घंटे निर्जला व्रत रखती हैं और इसके बाद व्रत तोड़ती हैं. मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में इस व्रत को खोलने के लिए मुख्यरूप से कढ़ी-चावल खाया जाता है. साथ में खीरा और गुजिया होती हैं. व्रत के दिन महिलाएं गुझिया, ठेठरा (बेसन से बनी नमकीन), खाजा, घेवर, गुड़पारे, शक्करपारे के साथ ही पारंपरिक मिठाइयां भी बनाती हैं.

    आइए आपको बताते हैं कि इस दिन और क्या-क्या बनाया जाता है.

    रात में महिलाएं शिव-पार्वती के साथ गणेश जी की पूजा करती हैं. पूरे रात जागरण के बाद सुबह व्रत खोला जाता है. खास बात यह है कि व्रत में दूब और खीरा जरूर पूजा में शामिल किया जाता है. मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में ऐसी मान्यता है कि खीरे ही भगवान गणेश जन्म लेते हैं. इसीलिए तीज के अगले गणेश चतुर्थी बनाई जाती है. इसी दिन देश भर में गणेश प्रतिमा की स्थापना होती है.

    जलेबा
    उत्तरप्रदेश में हरतालिका तीज के मौके पर जलेबा जरूर बनाया जाता है. इसे बनाने की प्रोसेस जलेबी जैसी है लेकिन यह साइज में थोड़ा बड़ा होता है. कहीं-कहीं इसे गुण की चाशनी में भी बनाया जाता है.

    चावल की मीठी खीर
    हरियाली तीज में व्रत के बाद रात में मीठे में चावल की खीर खाई जाती है. इसे बनाने के लिए दूध में थोड़ा पानी डालकर उबालें और चावल धोकर डाल दें. इसके बाद खीर में मखाने के टुकड़े और किशमिश, बादाम, काजू, चिरौंजी डालकर पकाया जाता है.

    गुजिया
    हरतालिका तीज के दिन उत्तर और मध्य भारत में हर घर में गुजिया बनाई जाती है. यह इस दिन का खास पकवान है. गुजिया के साथ-साथ बेसन की चकली भी खासतौर पर बनती है.

    शुक्तो
    शुक्तो सब्जियों का मिश्रण होता है. इसे आलू करेला, कच्चा केला आदि मिला कर बनाया जाता है. इसलिए यह बहुत पौष्टिक आहार होता है. इसे बनाने के लिए कच्चे सब्जियों को मसालों के साथ भूना जाता है. इसे बंगाल में खासतौर पर बनाया जाता है. इसकी खास बात यह है कि यह बहुत जल्दी और आसानी बनाई जा सकती है.

    पंचमेल दाल
    पंचमेल दाल पांच अलग-अलग दालों के मिश्रण से बनाई जाती है. इसमें भारतीय मसाले का तड़का लगाया जाता है. इसमें पाच दालों का मिला-जुला स्वाद आता है. इसे बनाने के लिए गरम मसाला, हींग और सूखी लाल मिर्च से साथ-साथ भारतीय मसालों का इस्तेमाल किया जाता है. यह राजस्थान में बनाई जाती है.

    पनीर अदरकी
    पनीर अदरकी में अदरक की ग्रेवी बनाई जाती है जो कि इस डिश को सुगंधित स्वाद देता है. इसके साथ ही यह पौष्टिक भी होता है.

    कढ़ी
    कढ़ी आमतौर पर बेसन से बनाई जाती है. सबसे पहले बेसन के पकौड़े बनाए जाते हैं. इसके बाद बेसन और दही का घोल बनाकर छौंक लगाया जाता है. फिर इसमें कढ़ी में डाल दिया जाता है. मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में कढ़ी और चावल खाकर तीज का व्रत रखने वाली महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं.

    गुजराती आलू सब्जी
    गुजरात के लोग अपने खाने में प्याज और लहसुन भी नहीं डालते. आमतौर पर गुजराती सब्जी में मिला जुला स्वाद होता है. मीठा, मसालेदार और चटपटा तीनों का मिश्रण उनकी दाल-सब्जी होता है.

    दही पनीर
    दही पनीर को कढ़ी भी कहा जाता है. इसमें दही की ग्रेवी बनाई जाती है. यह उतना स्पाइसी नहीं होता क्योंकि इसमें दही डाला जाता है. इस रेसिपी में दही को भारतीय मसालों के साथ मिला कर बनाया जाता है.

     

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