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    पड़ोसी रोज्यों से कैसे अलग है महाराष्ट्र का खाना?

    महाराष्ट्र भारत का क्षेत्रफल के लिहाज से तीसरा सबसे बड़ा राज्य है. जहां महाराष्ट्र अपनी संस्कृति के लिए जाना जाता है तो वहीं अपने खान-पान के लिए भी उतना ही फेमस है. महाराष्ट्र के व्यंजनों में सादा भोजन से लेकर बहुत तीखे और मसालेदार व्यंजन शामिल हैं. वेज से लेकर नॉन वेज तक सभी भोजन में मसालों और मिर्च से आने वाला तीखापन बेहद स्वादिष्ट लगता है. यहां के लोग गेहूं, चावल, ज्वार, बाजरा, सब्जियां, दाल और फल खाना पसंद करते है. महाराष्ट्र के व्यंजनों में मालवणी (कोंकणी), कोल्हापुरी और वराहदी तीन हिस्सों में बंटा हुआ है.

    विधि

    महाराष्ट्र भारत का क्षेत्रफल के लिहाज से तीसरा सबसे बड़ा राज्य है. जहां महाराष्ट्र अपनी संस्कृति के लिए जाना जाता है तो वहीं अपने खान-पान के लिए भी उतना ही फेमस है. महाराष्ट्र के व्यंजनों में सादा भोजन से लेकर बहुत तीखे और मसालेदार व्यंजन शामिल हैं. वेज से लेकर नॉन वेज तक सभी भोजन में मसालों और मिर्च से आने वाला तीखापन बेहद स्वादिष्ट लगता है. यहां के लोग गेहूं, चावल, ज्वार, बाजरा, सब्जियां, दाल और फल खाना पसंद करते है. महाराष्ट्र के व्यंजनों में मालवणी (कोंकणी), कोल्हापुरी और वराहदी तीन हिस्सों में बंटा हुआ है.

    जब महाराष्ट्र का नाम आता है तो सबसे पहले वड़ा पाव की तस्वीर उभरकर आती है. जो महाराष्ट्र का सबसे फेमस स्ट्रीट फूड है. 

    पिछले कुछ वर्षों में पाव की कई किस्में फेमस हुई हैं, जिसमें मिसल पाव, पाव भाजी और वड़ा पाव काफी खास हैं. इतना ही नहीं, महाराष्ट्र अपने पारंपरिक व्यंजनों के लिए भी लोकप्रिय है. त्योहारों से लेकर शादि-पार्टियों में पूरन पोली, उदिच मोदक और बटाटा वड़ा महमानों को परोसा जाता है. यहां पर कुछ घरों में भोजन की शुरुआत करने से पहले भगवान को नैवेद्य चढ़ाया जाता है.

    दरअसल, महाराष्ट्र की पाक विधि पड़ोसी राज्यों की पाक विधि से अलग है. अगर हम बात करें गुजरात की, तो ज्यादातर खाने में मिठास होती है क्योंकि गुजरात समुद्र तट पर स्थित है और यहां का पानी बहुत ही खारा है. इसी खारेपन को मेंटेन करने के लिए लोग खाने में मीठे का इस्तेमाल करते हैं. वहीं महाराष्ट्र भी समुद्र तट पर ही स्थित है, लेकिन यहां का पानी उतना खारा नहीं है जिनता की गुजरात का है.

    महाराष्ट्र में ज्यादातर कई सब्जियां एक खास मसाले से तैयार की जाती हैं. यह मसाला नारियल, प्याज, लहसुन, अदरक, लाल मिर्च पाउडर, हरी मिर्च और सरसों को मिलाकर तैयार किया जाता है. इसे विशेष मसाला (गोदा मसाला) कहा जाता है जो सब्जियों का स्वाद बढ़ाने का काम करता है, लेकिन जो लोग प्याज, लहसुन नहीं खाते. वो इस मसाले को अपने भोजन में शामिल नहीं करते हैं. मुख्य रूप से यहां भोजन में ग्रेवीदार सब्जी या करी बनाई जाती है. ज्यादातर सब्जियों में मूंगफली का इस्तेमाल किया जाता है. शाकाहारी लोग सब्जी की जगह पर आलू की करी या गोभी, टमाटर, नारियल और पानी डालकर सूप तैयार करते हैं. महाराष्ट्र में वरण काफी चाव खाई जाती है, जो एक प्लेन दाल का ही रूप होता है. इसके अलावा, आमती नाम की डिश भी काफी फेमस है. यह एक प्रकार की करी ही होती है, जिसे अरहर की दाल, गोदा मसाला, इमला और गुड़ मिलाकर बनाया जाता है.

    जबकि कर्नाटक का खाना भी थोड़ा तीखा होता है और मसालेदार होता है, लेकिन यहां रसम, सांभर को चावल के साथ परोसा जाता है. वहीं मछली बनाने की विधि महाराष्ट्र से अलग है. जबकि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से लगती सीमाओं पर बसे जिलों में महाराष्ट्र से मिलते-जुलते पकवान होते हैं. पोहा, पूरन पोली, वड़ा पाव, पाव-भाजी, बॉम्बे भेल जैसी चीजें महाराष्ट्र से निकलकर पूरे देश में फैली हैं.

    कोंकणी लोग भोजन में सबसे ज्यादा चावल और मछली खाना पसंद करते हैं. समुद्री भोजन में से सबसे ज्यादा खाई जाने वाली मछली bombil और Bombay duck है.

    सभी नॉन वेज और वेज डिशेज उबले हुए चावल, रोटी के साथ खाई जाती हैं. इसके अलावा बाजरा, ज्वार और चावल के आटे की रोटी भी खाई जाता है. जबकि मुख्य भोजन में चावल का वड़ा और आंबोली (एक प्रकार का पैनकेक है, जिसे फरमेंटेड चावल, उरद दाल और सूजी से मिलाकर बनाया जाता है) शामिल होता है.

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