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    ग्रहण काल में भोजन को दूषित होने से कैसे बचाया जाए?

    साल का अंतिम सूर्य ग्रहण आज सुबह 8 बजे से लग चुका है. इस ग्रहण का सूतक काल 25 दिसंबर रात 8 बजकर 17 मिनट पर शुरू हो गया था. गुरुवार को 10 बजकर 57 मिनट पर खत्म हो चुका है. यह सूर्य ग्रहण भारत समेत कई देशों में दिख रहा है.

    विधि

    साल का अंतिम सूर्य ग्रहण आज सुबह 8 बजे से लग चुका है. इस ग्रहण का सूतक काल 25 दिसंबर रात 8 बजकर 17 मिनट पर शुरू हो गया था. गुरुवार को 10 बजकर 57 मिनट पर खत्म हो चुका है. यह सूर्य ग्रहण भारत समेत कई देशों में दिख रहा है.

    वहीं मान्यताओं और ज्योतिषों की मानें तो इस दौरान खाना बनाना और भोजन करने से परहेज रखना चाहिए. आइए हम आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों है और इससे बचने के लिए कौन से उपाय किए जाने चाहिए. 
    ऐसी मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिए. भोजन करने से अनेक प्रकार के रोगों से ग्रसित हो सकते हैं. यही कारण है कि ग्रहणकाल में भोजन करना निषेध माना गया है. ग्रहणकाल में घर में रखा हुआ खाना या पेय पदार्थ पुनः उपयोग करने लायक नहीं होता है. हां, ग्रहण या सूतक से पहले ही यदि सभी भोज्य पदार्थ जैसे दूध, दही, चटनी आचार आदि में कुश रख देने से भोजन दूषित होने से बच जाता है. आप पुनः इसे उपयोग में ला सकते हैं.

    पं. शैलेंद्र पांडेय के मुताबिक ग्रहणकाल में बने भोजन और जल में विशेष तरह की नकारात्मक ऊर्जा आ जाती है जिससे भोजन करने से आप बीमारियों के शिकार हो सकते हैं.

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    - इसलिए भोजन और जल में तुलसी के पत्ते या कुश डालकर रखना चाहिए.
    - घर में गोबर की लिपाई करने से और गोबर का प्रयोग करने से ग्रहण के नकारात्मक तरंगों से बचा जा सकता है.
    - बीमारों, वृद्धों और बच्चों पर ग्रहण के नियम लागू नहीं होते हैं.
    - निर्धनों को गेहूं का दान करने से ग्रहण के दोषों से बचा जा सकता है.

    इस दौरान राशि अनुसार भी कुछ उपाय करने से सूर्य ग्रहण के प्रभाव से जातक बच सकते हैं. आइए पंडित भूषण कौशल के अनुसार राशि अनुसार जातकों के लिए ऐसे उपाय फलदायी हो सकते हैं.

    मेष राशि वालों को हल्दी वाले पानी से स्नान करना चाहिए. इसके बाद भगवान विष्णु को पीले या पीली मिठाई का भोग लगाकर नारियल का दान चाहिए.

    वृषभ राशि के जातकों भगवान को बताशे का प्रसाद चढ़ाएं और लाल सिंदूर का दान चाहिए.

    मिथुन राशि के लोगों को मां लक्ष्मी या भगवान विष्णु को लड्डू का प्रसाद चढ़ाना चाहिए और दीन-दुखियों का लाल वस्त्रों का दान करना चाहिए.

    कर्क राशि वाले जातकों को जल में केसर/बेल पत्र डालकर स्नान करने से लाभ मिलता है. मां लक्ष्मी या भगवान विष्णु को बर्फी का भोग लगाएं और सेब फल का दान करना चाहिए.

    सिंह राशि वाले लोगों को स्नान के बाद भगवान को पेड़े का भोग लगाकर श्रीफल दान करने से सूर्य ग्रहण के प्रभाव से बच सकते हैं.

    कन्या राशि वालों जातकों को गणेश जी को लड्डू का भोग लगाकर पूजा करना चाहिए. दीन-दुखियों का आधा किलो आटे का दान करने से फल मिलेगा.

    तुला राशि के लोगों को पानी में 1-2 बूंद शहद मिलाकर स्नान करना चाहिए. भगवान को केले का भोग लगाना चाहिए. केले का ही दान करने के सूर्य ग्रहण के प्रभाव से बच सकते हैं.

    वृश्चिक राशि के लोगों को ग्रहण के बाद स्नान करने के बाद भगवान को हलवे का भोग लगाना चाहिए और श्रीफल का दान करना चाहिए.

    धनु राशि के जातकों को ग्रहण पश्चात हल्दी वाले पानी से स्नानन करना चाहिए. भगवान को गुड़-चावल की खीर भोग लगाना चाहिए. साथ गुड़ का ही दान करना चाहिए.

    मकर राशि में नाम आने वाले लोगों को जल में काली तिल व दूध डालकर स्नान करना चाहिए. भगवान को रेवड़ी का भोग लगाकर लाल वस्त्र का दान करना चाहिए.

    कुंभ राशि के जातकों को जल में सरसों का तेल डालकर स्नान करना चाहिए. भगवान को मखाने का खीर चढ़ाएं और उसी खीर को दान स्वरूप गरीबों में दान करना चाहिए.

    मीन राशि को जल में थोड़ी-सी हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए. ऐसे जातक भगवान को केले का भोग लगाकर आधा किलो आटे का दान करने से सूर्य ग्रहण के प्रभाव से बच सकते हैं.

     

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