• X

    गंगा दशहरा: ऐसे सजाएं मां गंगा की भोग थाली

    अगर ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन मंगवार हो और हस्त नक्षत्र युता तिथि हो इस दिन गंगा स्नान करने से सभी पापों का नाश हो सकता है. वराह पुराण में भी लिखा हुआ है कि, ज्येष्ठ शक्ल दशमी बुधवारी में हस्त नक्षत्र में श्रेष्ठ नदी स्वर्ग से अवतीर्ण हुई थी, वह दस पापों को नष्ट करने वाली है. इस कारण उस तिथि को दशहरा कहता है. इसे ही गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2019) कहा जाता है.

    अगर ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन मंगवार हो और हस्त नक्षत्र युता तिथि हो इस दिन गंगा स्नान करने से सभी पापों का नाश हो सकता है. वराह पुराण में भी लिखा हुआ है कि, ज्येष्ठ शक्ल दशमी बुधवारी में हस्त नक्षत्र में श्रेष्ठ नदी स्वर्ग से अवतीर्ण हुई थी, वह दस पापों को नष्ट करने वाली है. इस कारण उस तिथि को दशहरा कहता है. इसे ही गंगा दशहरा कहा जाता है.

    ऐसा माना जाता है कि ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, बुधवार, हस्त नक्षत्र, गर, आनंद, व्यतिपात, कन्या का चंद्र, वृषभ के सूर्य इन दस योगों में मनुष्य स्नान करके सब पापों से मुक्त हो सकता है.

    इस बार गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2019) 12 जून दिन बुधवार को है. यह हर साल ज्येष्ठ माह की दशमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व होता है.

    गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त 11 जून रात 8:19 से शुरू होकर 12 जून शाम 6:27 तक है. इस मुहूर्त में मां गंगा की पूजा करके स्नान करने से बहुत पुण्य मिलता है और सारे पापों का नाश हो जाता है, ऐसी मान्यता है.

    गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2019) पर कैसे करें पूजा
    - गंगा दशहरा गंगा नदी में स्नान करके मनाया जाता है, लेकिन अगर कोई जातक किसी कारणवश गंगा में स्नान ना कर पाएं तो किसी भी नदी या आस-पास मौजूद जलाशय में स्नान करें. शुभ मुहूर्त में घर में ही स्नान कर सकते हैं. नहाने के पानी में एक-दो बूंद गंगा जल मिला लें.

    - नहाने के दौरान 'ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नमः' का जाप करना चाहिए.

    - इसके बाद 'ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै स्वाहा' करके करना चाहिए.

    - इसके बाद 'ऊँ नमो भगवति ऐं ह्रीं श्रीं (वाक्-काम-मायामयि) हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहा.' इस मंत्र से पांच पुष्पाञ्जलि अर्पण करके भगीरथ हिमालय के नाम- मंत्र से पूजन करना चाहिए.

    - थाली में 10 फल, 10 दीपक और 10 सेर तिल का 'गंगायै नमः' कहकर दान करें. साथ ही घी मिले हुए सत्तू और गुड़ के पिंड जल में अर्पित कर दें.

    - इसके अलावा 10 सेर तिल, 10 सेर जौ, 10 सेर गेहूं 10 ब्राह्मणों को दान देने से भी पुण्य मिलता है.

    - गरीब को दान देने से भी लाभ मिलता है.

    इन चीजों का करना चाहिए दान
    गंगा दशहरा के दिन दान-पुण्य को खास महत्व दिया जाता है. इस दिन उन वस्तुओं को दान में दिया जाता है जो ठंडक पहुचाती हैं जैसे कि ठंडा फल, पंखा, मटका, सत्तू आदि. इस दान की खासियत सह है कि इसमें 10 चीजें दी जाती हैं. इस दिन घरों में सत्यनारायण भगवान की कथा भी सुनाई जाती है.

    कहां-कहां कर सकते हैं स्नान
    इस दिन लोग गंगा के तीर्थ स्थानों पर डुबकी लगाते हैं जैसे कि प्रयागराज, गढ़मुक्तेश्वर, हरिद्वार, ऋषिकेश, वाराणसी आदि. इस दिन को खूब उच्छे से मनाया जाता है. इस दिन मेला भी लगाया जाता है. भक्त लोग लस्सी, शरबत, जलेबी, मालपुआ, खीर आदि चीजों का सेवन करके इस दिन को मनाते हैं. कुछ लोग पतंग उड़ाकर भी जश्न मनाते हैं.

    इसलिए मनाया जाता है गंगा दशहरा
    हिंदु मान्यता के अनुसार गंगा दशहरा के दिन गंगा का अतवार हुआ था. यानी इसी दिन गंगा नदी का धरती पर जन्म हुआ था. गंगा दशहरा से एक प्रचलित कथा के अनुसार ऋषि भागीरथ को अपने पूर्वजों की अस्थियों के विसर्जन के लिए बहते हुए निर्मल जल की आवश्यकता थी. इसके लिए उन्होंने मां गंगा को कठोर तप करके अवतरित होने पर विवश कर दिया था. लेकिन गंगा के तेज बहाव के कारण वह अस्थियां विसर्जित नहीं कर पाए. तब मां गंगा ने कहा कि यदि भगवान शिव उन्हें अपनी जटाओं में समा कर पृथ्वी पर मेरी धारा प्रवाह कर दें, तो यह संभव हो सकता है. ऋषि भागीरथ ने अब भगवान शिव की तपस्या कर गंगा की धारा जटाओं में समाहित करने का आग्रह किया. इसके बाद शिव ने गंगा की एक छोटी-सी धारा को पृथ्वी की ओर प्रवाहित कर दिया. तब जाकर भागीरत अपने पूर्वजों की अस्थियों को विसर्जित कर पाए और इस तरह गंगा का धरती पर अवतार हुआ.

     

    क्‍या ये रेसिपी आपको पसंद आई?
    1


    अपने दोस्‍त के साथ साझा करें
    टैग्स
Good 0
Poor 0

Advertisment

ज़ायके का सबसे बड़ा अड्डा

पकवान गली में आपका स्‍वागत है!

आप हर वक्‍त खाने-खिलाने का ढूंढते हैं बहाना तो ये है आपका परमानेंट ठिकाना. कुछ खाना है, कुछ बनाना है और सबको दिखाना भी है, लेकिन अभी तक आपके हुनर और शौक को नहीं मिल पाया है कोई मुफीद पता तो आपकी मंजिल का नाम है पकवान गली.


ज़ायका ही आपकी जिंदगी है तो हमसे साझा करें अपनी रेसिपी, कुकिंग टिप्‍स, किसी रेस्‍टोरेंट या रोड साइड ढाबे का रिव्‍यू.

रेसिपी फाइंडर

या
कुछ मीठा हो जाए