अगर आपको बिहार का लिट्टी-चोखा, कश्मीर का कहवा, लखनवी दम गोश्त, आसाम की
दाबेली या फिर केरल की कीली कुडु का स्वाद एक ही जगह मिल जाए तो कैसा
रहेगा. शुक्रवार से इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्टस (IGNCA) के मैदान
में एक फेस्टिवल शुरू हो चुका हो चुका है. जहां देश के 25 राज्यों से 500 से
ज्यादा जायकों का स्वाद ले सकेंगे. तीन दिन तक देश के कोने-कोने से पटरी
दुकानदार यहां अपनी बनाई चीजों का स्वाद चखाएंगे.
विधि
अगर आपको बिहार का लिट्टी-चोखा, कश्मीर का कहवा, लखनवी दम गोश्त, आसाम की
दाबेली या फिर केरल की कीली कुडु का स्वाद एक ही जगह मिल जाए तो कैसा
रहेगा. शुक्रवार से इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्टस (IGNCA) के मैदान
में एक फेस्टिवल शुरू हो चुका है. जहां देश के 25 राज्यों से 500 से
ज्यादा जायकों का स्वाद ले सकेंगे. तीन दिन तक देश के कोने-कोने से पटरी
दुकानदार यहां अपनी बनाई चीजों का स्वाद चखाएंगे.
यह आयोजन नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्ट्रीट वेडं र्स ऑफ इंडिया (NASVI) और फूड सेफटी एंड स्टैंडर्स ऑथारिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) दोनों मिलकर कर रहे हैं. जिसके तहत अलग-अलग राज्यों के फेमस रेहड़ी-पटरी वाले अपने खास खाने की चीजों की प्रदर्शनी लगाएंगे.
क्या-क्या होगा खास
नास्वी के राष्ट्रीय संयोजक अरबिंद सिंह ने बताया कि इस फूड फेस्टिवल में
यहां आने वालों को जयपुर की तंदूरी चाय का स्वाद चखने को मिलेगा. इसके अलावा कश्मीर का कहवा, रिसता, गोस्तावा, लखनवी शाही दम बिरयानी, बिहार का लिट्टी मटन और चिकन, आसाम की दाबेली, मटका चाट या केरल का इराची पथीरी, कीली कुडु का स्वाद आपको चखने को मिल जाएगा. वहीं इंदौर की खास साबूदाने की खिचड़ी, पोहा, जबलपुर के मुगौंड़ी, महाराष्ट्र का बड़ा पाव, उत्तर-प्रदेश का लिट्टी चोखा, जयपुर की तंदूरी चाय, हैदराबाद का पत्थर का गोश्त, कोलकाता का कच्चा-गोला और मोउ, श्रीनगर का गुस्तबा, हिमाचल की मंडी कचोरी, नागपुर की पूरन पोली, बड़ोदरा का सेंव उसल, पारडी लोट सहित 500 से ज्यादा वैरायटी के व्यंजन यहां चखने को मिल जाएंगे.
फेस्टविल से पहले इन जगहों से आने वाले रेहड़ी-पटरी वालों को FSSAI की ओर से अपने स्टॉल पर साफ-सफाई रखने के लिए बाकायदा ट्रेनिंग भी दी जाती है. नासवी देशभर के रेहड़ी-पटरी के दुकानदारों की बेहतरी के पिछले 20 वर्षों से काम कर रहा है. यह नासवी का 10 वां नेशनल स्ट्रीट फूड फेस्टिवल है.