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    बचे तेल को कितनी बार और इस्तेमाल में लेना चाहिए

    हम सबके के घर में पूरियां, कचौड़ी, समोसे, फ्राइज आदि चीजें बनती हैं. इसमें लगे तेल का इस्तेमाल हम 4-5 बार करते हैं. इसके बाद तेल को फेंक देते हैं. वहीं बाजार में मिलने वाले समोसे, कचौड़ी, ब्रेड पकौड़े वगैरह ज्यादातर लोग खाना पसंद करते हैं. लेकिन क्या आपको पता ऐसी जगहों पर इस्तेमाल हुआ तेल कितना पुराना होता है? यहीं सवाल उठता है कि आखिर बचे तेल को कितनी बार और इस्तेमाल किया जा सकता है? या फिर तेल को कितनी बार तलने में इस्तेमाल करना चाहिए?

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    हम सबके के घर में पूरियां, कचौड़ी, समोसे, फ्राइज आदि चीजें बनती हैं. इसमें लगे तेल का इस्तेमाल हम 4-5 बार करते हैं. इसके बाद तेल को फेंक देते हैं. वहीं बाजार में मिलने वाले समोसे, कचौड़ी, ब्रेड पकौड़े वगैरह ज्यादातर लोग खाना पसंद करते हैं. लेकिन क्या आपको पता ऐसी जगहों पर इस्तेमाल हुआ तेल कितना पुराना होता है? यहीं सवाल उठता है कि आखिर बचे तेल को कितनी बार और इस्तेमाल किया जा सकता है? या फिर तेल को कितनी बार तलने में इस्तेमाल करना चाहिए?

    ऐसा माना जाता है कि तेल में एक बार कोई चीज तली जा चुकी हैं और उसी तेल में बाकी चीजें भी बनाई जा रही हैं, तो इससे फ्री रैडिकल्स जन्म ले लेते हैं. ऐसे तेल में बनी चीजों को खाने से सूजन और जलन के साथ ही दूसरी बीमारियां हो जाती हैं. ये फ्री रैडिकल्स शरीर के हेल्दी सेल्स से खुद को जोड़ लेते हैं. कई बार तो ये फ्री रैडिकल्स कैंसर जन्म देने घातक भी हो जाते हैं. इसके अलावा बार-बार एक ही तेल का इस्तेमाल करने से अथरोस्कालरोसिस (atherosclerosis) हो सकता है, जिससे शरीर में बैड कलेस्ट्राल बढ़ जाता है और धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं.

    वहीं एक ही तेल से बार-बार चीजें बनाकर या तलकर खाने से कई बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे तेल के सेवन से एसिडिटी, दिल संबंधी बीमारियां, ऐल्टशाइमर्ज डिजीज, पार्किंसन्स डिसीज और गले में जलन जैसी गंभीर समस्या हो सकती है.

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    डीप फ्राई के लिए एक बार इस्तेमाल किए गए तेल को दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन कुछ मामलों में ऐसा किया जा सकता है. हालांकि ऐसी स्थिति में यह इस बात पर निर्भर करता है कि किस प्रकार का तेल इस्तेमाल किया जा रहा है. मसलन, क्या इसे हल्का फ्राई करने के लिए इस्तेमाल किया गया या फिर डीप फ्राई के लिए? इस तेल में खाने के किस आइटम को फ्राई किया गया?

    सभी तेल एक दूसरे से काफी अलग होते हैं. कुछ में स्मोकिंग पाइंट ज्यादा होता है. यानी डीप फ्राइंग के दौरान कुछ में धुआं ज्यादा निकलता है तो कुछ में कम. कुछ तेल ऐसे होते हैं जिन्हें गरम करने पर बिल्कुल भी धुआं या झांस नहीं निकलता, जैसे कि सनफ्लॉवर तेल, सोयाबीन का तेल, मूंगफली का तेल आदि. ऐसे तेल जिनका स्मोकिंग पाइंट ज्यादा न हो उन्हें फ्राई करने के लिए दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.

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    तलने के बाद बचे तेल को ठंडा होने देना चाहिए. इसके बाद उसे एक एयरटाइट डब्बे में छानकर भर दें. इससे उस तेल में रहे फूड पार्टिकल्स भी निकल जाएंगे. जब भी आप तेल को दोबारा इस्तेमाल करें तो देख लें कि रंग और तेल की मोटाई कैसी है. अगर तेल काला पड़ गया और ग्रीस जैसा है तो बेहतर होगा, इस्तेमाल में न लें. इसके अलावा अगर तेल गर्म करने पर पहले के मुकाबले अधिक धुआं छोड़े तो भी उसे छोड़ देना चाहिए.

     

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