विधि
महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा फेर-बदल कर इसके नायक बनने वाले शरद पवार बारामती से आते हैं. शरद पवार ने राजनीतिक करियर की शुरुआत 4 दशक पहले की थी. शरद की कूटनीतिक चाल की वजह से ही महाराष्ट्र की सत्ता परिवर्तित हो गई है और सूबे में कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना की सरकार बनी.
हालांकि, बारामती विधानसभा सीट से शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की थी. अजीत भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार भी बना ली थी. वे तीन दिनों तक प्रदेश के उपमुख्यमंत्री भी रह थे, लेकिन सियासी घटनाचक्र के चलते पद से इस्तीफा देकर वापस एनसीपी खेमें जा पहुंचे. 
दरअसल, शरद पवार जिस जगह जन्मे और राजनीति की शुरुआत की. यहां से सूबे कई महान नेता निकले हैं. बारामती पुणे जिले की एक तहसील है. पुणे से इसकी दूरी 110 किलोमीटर है. यह शहर करहा नदी के किनारे बसा हुआ है. बारामती के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है. यहां गन्ना, अंगूर और गेहूं की बढ़िया किस्म की फसलें होती हैं. यहां से शक्कर और अंगूर यूरोप में जाते हैं. बारामती में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरदचंद्र पवार जन्म हुआ था. इतना ही नहीं अप्पा साहेब पवार, अजित पवार, सुप्रिया सुळे पवार, सुनंदा पवार ने यहीं सामाजिक कार्य, राजनीतिक जमीन तैयार की थी. इन्होंने बारामती से ही शिक्षा ग्रहण की थी. महाराष्ट्र के प्रसिद्ध कवि कविवर्य मोरोपंत भी यहीं जन्में थे.
श्री छत्रपती सहकारी शक्कर कारखाना भवानीनगर (इंदापूर) और सोमेश्वर सहकारी साखर कारखाना इस शहर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हड्डी माने जाते हैं. इन दोनों में ही गन्नों की पिराई करके चीनी तैयार की जाती है. 
यहां के लोगों के खान-पान में मुख्यतया महाराष्ट्र के दूसरे राज्यों जैसी चीजें ही हैं. पूरन पोली, गुड़ से बनी चीजें यहां खूब खायी जाती हैं. यहां के लोग वेज और नॉन वेज दोनों तरह का भोजन पसंद करते हैं. यहां मछली से शानदार डिशेस तैयार की जाती हैं. भोजन में मसालों और मिर्च से आने वाला तीखापन बेहद स्वादिष्ट लगता है. यहां के लोग गेहूं, चावल, ज्वार, बाजरा, सब्जियां, दाल और फल खाना पसंद करते है. महाराष्ट्र का व्यंजन में मालवणी (कोंकणी), कोल्हापुरी और वराहदी तीन
हिस्सों में बंटा हुआ है.