विधि
आम को फलों का राजा कहा जाता है. यह हमारे देश का सबसे लोकप्रिय फल है. अपने अद्भुत स्वाद और खुशबू की वजह से ही आम में पाई जाने वाली बेहिसाब खूबियां इसे फलों का राजा बनाती हैं. दुनिया भर में इसकी हजार से भी ज्यादा किस्म हैं, लेकिन भारत में होने वाले आमों की बात ही खास है. यहां हम बता रहे हैं आम की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली वैरायटी के बारे में.

बात हापुस की करें तो, हाफुस (अंग्रेजी में ALPHANSO अलफांसो) , मराठी में हापुस, गुजराती में हाफुस और कन्नड़ में आपूस के नाम से जाना जाता है. यह आम की एक किस्म है जिसे मिठास, सुगंध और स्वाद के मामले में अक्सर आमों की सबसे अच्छी किस्मों में से एक माना जाता है. वैसे हापुस कर्नाटक में भी होता है पर कोंकड़ क्षेत्र के हापुस का जवाब नहीं.

दशहरी- आम की यह किस्म उत्तर प्रदेश के इसी नाम के एक गांव में उगाई जाती है. दशहरी (Dashahari) अन्य आमों के मुकाबले थोड़ा ज्यादा लंबा और बाहर से पीला नहीं हरा होता है. दशहरी का स्वाद अद्भुत है.

बैगनपल्ली- इस आम को बनेशन भी बोला जाता है और यह आंध्रप्रदेश और ओडिशा में बहुतायत में होता है.

मालदा- यह आम नॉर्थ इंडिया में होता है. इसे मालदा (Malda Aam) और पूर्वोत्तर के राज्यों में शेहरोली के नाम से भी जाना जाता है. इसकी सुगंध मनमोहक होती है. दूसरों आमों की तुलना में यह जल्दी पकने वाली किस्म है.

चौसा आम- यूपी के सहारनपुर, अमरोहा के आसपास चौसा (chausa) आम के बाग हैं. चौसा आम का निर्यात दुबई, सउदी अरब व यूरोपीय देशों को होता है. अमरोहा शहर का नाम ही आम के नाम पर पड़ा है. यह देखने में गोल्डन येलो होता और इसका गूदा गाढ़ा होता है.

बादामी आम- मिठास की बात की जाए तो बादामी आम (Badami aam) का भी कोई जवाब नहीं है. अगर आपको बहुत मीठा आम खाने की इच्छा है, तो इसके जैसा कोई दूसरा नहीं. यह मैंगोशेक के लिए बेस्ट है.

केसर- यह आम गुजरात और सौराष्ट्र से आता है. इसे केसर (Kesar Aam) इसके रंग और खुशबू के कारण कहा जाता है. अगर आप मिठाई, मिल्कशेक और अन्य आकर्षक चीज़ें बना रहें हों, तो यह एक अच्छी किस्म वाला आम है क्योंकि इसके गूदे में रेशे नहीं होते.
सिंधूरा- इस आम के ऊपरी हिस्से का रंग लाल होने के कारण इसका यह नाम पड़ा. सिंधूरा आम (sindhura Aam) बहुत ही रसीला, गूदेदार और स्वादिष्ट होता है.

लंगड़ा आम- मूलरूप से यूपी वाराणसी के नज़दीकी इलाके से संबद्ध रखता है. आम का यह नाम एक लंगड़े किसान के नाम पर रखा गया, जिसने पहली बार इसकी खेती की. लंगड़ा हिंदी और बंगाली भाषा का शब्द है. अन्य आमों के मुकाबले यहा हरा और गोलाकार, अल्फांसो से छोटा और कहीं ज्यादा मीठा होता है.

नीलम- आम की यह किस्म बाजार में मई और जुलाई महीने के बीच आती है.

तोतापुरी- देखने में यह हरा होता है. आकार में थोड़ा लंबा और चोच निकली होती है. यह सलाद और सालसा के लिए बेहतरीन है, लेकिन इसका अपना स्वाद ज्यादा अच्छा नहीं होता, क्योंकि यह ज्यादा मीठा नहीं होता.

मनकुराड- आम की यह किस्म गोवा का गौरव मानी जाती है. मनकुराड (mankurad) आम फाइबरलेस होता है और स्वाद व दाम के मामले में अलफांसो को भी पीछे छोड़ देता है.

हिमसागर आम- मूलतः पश्चिमी बंगाल का आम है. यह दिखने में हरा होता है, लेकिन स्वाद में लाजवाब है.

इन अलावा एक देसी आम की किस्म होती है हर गांव शहर में मिलती है. इस किस्म के आमों का साइज छोटा होता है लेकिन मिठास के मामले में ये भी किसी से कम नहीं हैं.