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    ये खाकर बर्फ, बारिश में भी बॉर्डर पर डटे रहते हैं हमारे जवान

    पुलवामा आतंकी हमले के बाद जिस मुस्तैदी से सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के जवानों ने 100 घंटे में बदला ले लिया था. हमारे जवान ठंड, बरसात या तपती धूप में सीमा पर सुरक्षा में लगे रहते हैं. पर क्या कभी आपने जानना चाहा है कि आखिर वो क्या खाते-पीते हैं जिससे विषम परिस्थितियों में भी अपने कर्त्तव्य से पीछे नहीं हटते हैं. वो कौन सी डाइट या खाना है जिसे खाकर हमारे जवान 24 घंटे मुस्तैदी से बॉर्डर पर रहते हैं. आइए आपको बताते हैं.

    विधि

    पुलवामा आतंकी हमले के बाद जिस मुस्तैदी से सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के जवानों ने 100 घंटे में बदला ले लिया था. हमारे जवान ठंड, बरसात या तपती धूप में सीमा पर सुरक्षा में लगे रहते हैं. पर क्या कभी आपने जानना चाहा है कि आखिर वो क्या खाते-पीते हैं जिससे विषम परिस्थितियों में भी अपने कर्त्तव्य से पीछे नहीं हटते हैं. वो कौन सी डाइट या खाना है जिसे खाकर हमारे जवान 24 घंटे मुस्तैदी से बॉर्डर पर रहते हैं. आइए आपको बताते हैं.

    सेंट्रल आर्म्‍ड पुलिस फोर्स (CAPF)में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF), इंडियन तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP),सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF)और सेंट्रल इंडस्ट्रीयल सिक्योरिटी फोर्स यानी (CISF)आते हैं. इसके लिए जवानों की डाइट का पैमाना तय किया गया है. इसी के हिसाब से उन्हें खाना दिया जाता है.

    जवानों का खाना उनकी पोस्टिंग पर भी निर्भर होता है. पोस्टिंग तीन पैमाने पर होती है. पहला 9 हजार फीट से नीचे, 9 हजार फीट से ऊपर और 12 हजार फीट से ऊपर. तो आइए आप को बताते हैं कि किस-किस तरह की पोस्टिंग में क्या-क्या खाना जवानों को खिलाया जाता है.

    - पैरामिलिट्री फोर्सेस के जवानों को ब्रेकफास्ट में पराठे, दही, अचार दिया जाता है. साथ में कुछ मौसमी फल भी होते हैं.

    - लंच में उन्हें रोटी, सब्जी, चावल दिया है. इसमें मांसाहार भी शामिल होता है. जोकि मेस कमांडर तय करता है कि किस दिन यह सर्व किया जाएगा..

    - जबकि रात के भोजन में हमारे जवान रोटी, सब्जी, चावल-दाल खाते हैं. मीठे में खीर भी मिलती है..

    9 हजार फीट से नीचे
    9 हजार फीट से नीचे तैनात पैरामिलिट्री ट्रूपरों को अफसरों से ज्यादा डाइट मिलती है. इसमें रोटी, दाल, चावल, मीट, अंडा और मक्खन शामिल है. जबकि 9 हजार फीट से ऊपर पर वाले पोस्टिंग एरिया के जवानों नाश्ते में दो पराठे, एक अंडा, सब्जी, अचार और कुछ फल. दिन के खाने में चावल, रोटी, दाल, पालक पनीर, चिकन करी, दही और सलाद शामिल होता है. इसके साथ ही उन्हें चाय, दूध भी भरपूर मिलता है.

    12 हजार फीट से ऊपर
    बारह हजार फीट से ऊपर के तैनात जवानों इन सब चीजों के अलावा कुछ स्पेशल चीजें मिलती है. जिसमें हॉरलेक्स, कॉफी, मैगी, बादाम, काजू, घी, चॉकलेट, फ्रूट जूस, ईसबगोल आदि.

    इसके अलावा जवानों को मासिक राशन भत्ता मिलता है. प्रत्येक जवान को 2,905 महीने का राशन भत्ता मिलता है. जबकि कारगिल और सियाचीन के जवानों को प्रति दिन 191.04 राशन भत्ता मिलता है.

    किसे-कितनी कैलोरी
    पैरामिलिट्री फोर्स के जवान को 3,850 कैलोरी वाली डाइट दी जाती है.
    जबकि सेना के-
    - मैदानी इलाको में तैनात जवानों को 3,906 कैलोरी.
    - ऊंचाई वाले इलाको में में तैनात जवानों को 4,664 कैलोरी.

    ऐसे होता है फूड का मैनेजमेंट
    दरअसल, हर यूनिट में एक हेड कॉन्‍सटेबल की रैंक का जवान होता है. जिसे उस यूनिट का मेस कमांडर कहा जाता है. हर यूनिट की एक लिस्‍ट होती है, जिसे बोर्ड ऑफिसर परचेज कमेटी के भेजा जाता है. यह कमेटी बाजार से अच्छी क्वॉलिटी के प्रोडक्ट्स खरीदती है. मेस में राशन दो प्रकार का आता है ताजा राशन और सूखा राशन. ताजा राशन जैसे दूध, दही, आदि जबकि सूखे राशन में गेहूं, चावल, दाल, शकर आदि. इन सब का मैनेजमेंट मेस कमांडर ही करता है.

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