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    शरद पूर्णिमा को खीर खाने के क्या हैं नियम?

    शरद पूर्णिमा के अवसर पर खीर खाने की खास महत्ता है. इस दिन चांदी के बर्तन में खीर बनाकर फिर उसे चांद की रोशनी के नीचे रखकर खाने से बहुत लाभ मिलता है. पर क्या खीर बनाने के ही नियम हैं फिर खाने में भी कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना पड़ता है, आइए जानते हैं?

    विधि

    शरद पूर्णिमा के अवसर पर खीर खाने की खास महत्ता है. इस दिन चांदी के बर्तन में खीर बनाकर फिर उसे चांद की रोशनी के नीचे रखकर खाने से बहुत लाभ मिलता है. पर क्या खीर बनाने के ही नियम हैं फिर खाने में भी कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना पड़ता है, आइए जानते हैं?

    ऐसा माना जाता है कि इस दिन से शरद ऋतु यानि सर्दियों की शुरुआत होती है. शास्त्रों के अनुसार इस पूर्णिमा की रात चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होकर पृथ्वी पर अमृत वर्षा करता है. सिर्फ शास्त्र ही नहीं वैज्ञानिक रूप से भी इस रात का महत्व है. ऐसा कहा जाता है कि इस रात चंद्रमा धरती पर विशेष ऊर्जा बिखेरती है जो कि बेहद सकारात्मक मानी जाती है. इसी सकारात्मक ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए लोग चांद की रोशनी तले खीर बनाते हैं या फिर बनाकर रखते हैं.

    शरद पूर्णिमा के अवसर पर खीर खाने का ये है महत्व

    मान्यता तो ऐसी भी है कि जो भी इस अमृत वाली खीर को खा लेता है उसे प्रसिद्धि, धन, ऐश्वर्य और दीर्घायु प्राप्त होती है. ये खीर होती तो अमृत के समान है, लेकिन इसको खाने के नियम जरूर पता होने चाहिए. नहीं तो इसका महत्व कम हो जाता है.

    अमृत वाली खीर खाने के नियम
    - शरद पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी-नारायण की उपासना जरूर करनी चाहिए.
    - भगवान के पूजन के बाद उन्हें खीर का भोग लगाएं. खीर बनाने के बाद शिव जी को भी चढ़ानी चाहिए.
    - रात के समय खीर को चांद की रोशनी में रखना चाहिए.
    - मान्यता है कि इस रात देवी लक्ष्मी धरती पर आकर भक्तों पर कृपा बरसाती हैं.
    इसलिए इस रात्रि को जागकर भगवान की आराधना करनी चाहिए.
    - चंद्रमा के दर्शन कर उसकी चांदनी के नीचे बैठने से लाभ मिलता है.

    शरद पूर्णिमा को चांद की रोशनी में क्यों रखी जाती है खीर?

    - शरद पूर्णिमा के अगले दिन इस खीर को प्रसाद के रूप में जरूर खाएं.
    - यदि संभव हो तो खीर को चांदी के बर्तन में पकाएं.
    - यदि चांदी के बर्तन में नहीं पका सकते तो चंद्रमा की रोशनी में रखने के लिए पात्र चांदी का चुन सकते हैं.
    - शरद पूर्णिमा के दिन हल्दी का प्रयोग बिलकुल नहीं करना चाहिए.
    - ध्यान रखें खीर को सीधे चांद की रोशनी में रखें ताकि चंद्रमा की ऊर्जा इसमें आ जाए.
    शरद पूर्णिमा में बनाइए खीर, ये होगा लाभ

    शरद पूर्णिमा की तिथि और शुभ मुहूर्त (Sharad Purnima, Kojagari Purnima Muhurat And Puja Timing)
    शरद पूर्णिमा तिथि: रविवार, 13 अक्‍टूबर 2019
    पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 13 अक्‍टूबर 2019 की रात 12 बजकर 36 मिनट से
    पूर्णिमा तिथि समाप्‍त: 14 अक्‍टूबर की रात 02 बजकर 38 मिनट तक
    चंद्रोदय का समय: 13 अक्‍टूबर 2019 की शाम 05 बजकर 26 मिनट

     

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