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    सोमालिया से म्यांमार तक, ऐसी है हलवे की कहानी

    अगर झटपट बनने वाली स्वीट डिश की बात की जाए तो हलवा से जल्दी और कुछ नहीं बन सकता. यह सभी का फेवरेट होता है. सर्दी में जहां गाजर और मूंग दाल का हलवा सबसे ज्यादा लोग खाना पसंद करते हैं वहीं सूजी का हलवा सदाबहार है. इसे हमेशा बनाया जाता है. गुरुद्वारों में तो इसे मुख्य प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है. इसे पूरी दुनिया में मिठाई के तौर पर पेश किया जाता है, लेकिन क्या जानना नहीं चाहेंगे आखिर कहां-कहां बनता है और इसे किस-किस नाम से पुकारा जाता है.

    विधि

    अगर झटपट बनने वाली स्वीट डिश की बात की जाए तो हलवा से जल्दी और कुछ नहीं बन सकता. यह सभी का फेवरेट होता है. सर्दी में जहां गाजर और मूंग दाल का हलवा सबसे ज्यादा लोग खाना पसंद करते हैं वहीं सूजी का हलवा सदाबहार है. इसे हमेशा बनाया जाता है. गुरुद्वारों में तो इसे मुख्य प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है. इसे पूरी दुनिया में मिठाई के तौर पर पेश किया जाता है, लेकिन क्या जानना नहीं चाहेंगे आखिर कहां-कहां बनता है और इसे किस-किस नाम से पुकारा जाता है.

    जिस तरह से खान-पान के ज्यादातर शब्द उर्दू और अरबी के हैं. ठीक उसी तरह से हलवा भी अरबी भाषा का शब्द है. इसे कई तरह से बनाया जाता है. जैसे सूजी, गाजर, मूंग दाल, लौकी, तिल, कद्दू और आटे का हलवा. हलवे को चीनी और शहद से मीठा किया जाता है, लेकिन इन सबको अलग-अलग तरीके से बनाया जाता है. जैसे सूजी का हलवा लसलसा होता है वहीं तिल का हलवा सूखा और भुरभुरा होता है. यह कई देशों में बनता है और मिठाई के रूप में खाया जाता है. जबकि भारत में हलवे की बहुत सारी वैरायटी हैं. यहां मौके के हिसाब से हलवा पकाया जाता है, लेकिन सूजी का हलवा तो हमेशा ही बनता है. इसके लिए किसी खास मौके या अवसर की जरूरत नहीं होती है.

    भारत में बनते हैं कई तरह के हलवे
    भारत में हलवे को अलग-अलग राज्यों में अनेक प्रकारों से बनाया जाता है, लेकिन सबसे ज्यादा रसोइयों से सूजी के हलवे की ही खुशबू आती है. इसके अलावा आटे, मूंग दाल, गाजर, काजू का हलवा बनाया जाता है. केरल में काशीफल (पेठा, कद्दू) के हलवे को 'अलुवा' कहा जाता है. वहीं इसे कर्नाटक की पारंपरिक मिठाई माना जाता है जिसे ब्राह्मणों के विवाहों में नियमित रूप से रखा जाता है. भारत में ही हलवे की सबसे ज्यादा वैरायटी बनती है. श्रीलंका में भी पेठे का हलवा बनता है.

    (मूंग दाल का हलवा बनाने के लिए बेहद उपयोगी टिप्स हैं ये)

    ईरान के हलवे में होती है गुलाब जल की खुशबू
    भारत के इतर अगर ईरान की बात की जाए तो वहां गेहूं के आटे और मक्खन से बनी मिठाई को ही हलवा कहा जाता है. वहां के लोग इसे खुशबूदार बनाने के लिए इसमें गुलाब जल मिलाते हैं. ईरान में हलवे की एक पतली परत को थाली में फैलाकर रख दिया जाता है ताकि वह अच्छे से जम जाए. जमने के बाद इसे टुकड़ों में काटकर खाया जाता है. हलवे को ईरान में आमतौर पर किसी समारोह में मीठे के तौर पर पेश किया जाता है.

    (इस तरीके से बनेगा गाजर का हलवा ज्यादा टेस्टी)

    फ्लेवर्स वाला हलवा बनता है इजरायल में
    इजरायल में तिल से बना हलवा काफी पसंद किया जाता है. पूरी दुनिया में यहूदी लोगों में यह लोकप्रिय पकवानों में से एक है. इजरायल में हलवा कई फ्लेवर्स में बनाया जाता है. इसमें पिस्ता, बादाम, चॉकलेट जैसे पसंदीदा फ्लेवर्स होते हैं. इजरायल के लोग हलवे में तिल, चीनी, वनीला और रीठा डालते हैं जो अन्य हलवों में नहीं पाया जाता है.

    (ऐसे बनेगा सूजी का हलवा टेस्टी और मजेदार)

    म्यांमार में बनता है खसखस का हलवा
    म्यांमार में हलवे को हालावा कहा जाता है. इसे खसखस से बनाया जाता है. इसका रंग भूरा होता है. म्यांमार के लोगों के बीच यह काफी लोकप्रिय डिश मानी जाती है.

    सोमालिया के लोगों को पसंद है हेलावा
    सोमालिया में हलवे को हेलावा कहा जाता है. हेलावा वहां के प्रमुख व्यंजनों में शामिल है जिसे ईद या फिर विवाह जैसे समारोह में खास तौर पर बनाया ही जाता है. हेलावा को चीनी, मकई के आटे, इलायची पाउडर, जायफल पाउडर और घी से तैयार किया जाता है. (20 मिनट में तैयार हो जाएगा यह झटपट हलवा)

    यह साफ तौर से कहा जा सकता है हलवे को पूरी ही दुनिया पसंद किया जाता है. यह दुनिया के ज्यादातर देशों में खास अहमियत रखता है. इसकी लोकप्रियता साफ दिखती है कि यह एक पुराने काल से ही खाया और पसंद किया जाता है. भले ही इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है, लेकिन बनाने का तरीका लगभग एक जैसा ही है.

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