विधि
- एक बर्तन में मैदा, अजवाइन और 3-4 चम्मच तेल डालकर अच्छी तरह मिक्स कर
लें.
- फिर थोड़ा-थोड़ा करके पानी डालते जाएं और सख्त आटा लगा लें.
- गुंदे हुए आटे पर तेल लगाकर कपड़े से ढककर कुछ देर के लिए रख दें.
- जब तक कचौड़ी का आटा सेट हो रहा है, भरावन यानी फिलिंग वाला मसाला तैयार
कर लें.
- इसके लिए एक बर्तन में उबली आलू, स्वादानुसार नमक, लाल मिर्च पाउडर डालकर
अच्छी तरह मसल सें.
- आलू के मसाले में गुठलियां नहीं रहनी चाहिए. इंदौरी कचौड़ी में पड़ने वाला आलू का
मसाला थोड़ा तीखा होता है.
- अब आटे को एक बार फिर से गूंद लें. इसकी बराबर लोइया काट लें. इन लोइयों को
कपड़े से ढककर रखें. 2 कप आटे से 15-16 कचौड़ियां बनेंगी.
- अब एक लोई लेकर पहले इसे पहले गोल बनाएं फिर चिपटा कर फैला लें. इसके बीच
में एक बड़ा चम्मच आलू का मसाला रखें. चारों तरफ से मोड़ते लोई का आकार दें.
फिर इसे चिपटा कर दें. उंगलियों से दबाते हुए चिपटा कर लें. इस बात का ध्यान रखें
कि इन लोइयों के बीच में हवा न रह जाए. नहीं तो यह फूलने से पहले ही फट
जाएंगी.
- इसी तरह से बाकी लोइयों से कच्ची कचौड़ियां तैयार कर लें.
- कड़ाही में तेल डालकर धीमी आंच पर गर्म करें.
- जब तेल गर्म हो जाए तो एक बार में 5-6 कचौड़ियां डाल दें. इस बात का ध्यान रखें
कि कचौड़ियों एक साथ ज्यादा संख्या में तला जाता है. अगर एक बार में एक कचौड़ी तलेंगे तो यह पूड़ी जैसे फूल जाएंगी.
- कचौड़ी को धीमी आंच पर पकने दें. इसमें समय लगेगी. जब कचौड़ी निचले साइड से बढ़िया सिंक जाएं तो पलट दूसरी तरफ भी सेंके लें. एक के ऊपर एक कचौड़ी तलने से ये अपने फूल जाती हैं.
- खस्ता और करारी होने के बाद कचौड़ियों को तेल से निकाल लें.
- इसी तरीके से बाकी बची हुई कचौड़ियों को तल लें.
- अब बारी है कचौड़ियों सर्व करने की. इसके लिए प्याज को कद्दूकस कर लें.
- इसमें थोड़ा-सा नमक और थोड़ी-सी शक्कर मिला लें. (अगर प्याज मीठी है तो शक्कर डालने की जरूरत नहीं है.)
- कचौड़ी को बीच में छेद करें. इसमें मीठी प्याज डालें. आप चाहें तो हरी और लाल चटनी भी डाल सकते हैं.
- इंदौर के रामबाग एरिया में लाल बाटी की कचौड़ी में आलू का मसाला काफी तीखा होता है और इसे हरी मिर्च और धनियापत्ती की तीखी चटनी के साथ सर्व किया जाता है. जबकि प्याज के साथ वाली कचौड़ी नगर निगम रोड पर रवि अल्पाहार के यहां सदियों से बन रही है.
- नोट- कचौड़ियों को हमेशा धीमी आंच पर गर्म हुए तेल पर तलना चाहिए. तभी खस्तापन आएगा.
- आटे की जगह मैदा का इस्तेमाल करें.