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    क्या बारिश के मौसम में मछली या सीफूड खाना चाहिए?

    बारिश के मौसम में चटपटा खाना सभी फेवरेट हो जाता है. पकौड़े, चाट के साथ सीफूड लोगों की पसंदीदा लिस्ट में शामिल हो जाता है. सीफूड में सबसे ज्यादा मछली और इससे बनने वाली डिशेस की डिमांड बढ़ जाती है. मछली खाना अच्छी बात है. इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर के फायदेमंद होते हैं. मछली के सेवन से दमा, शुगर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है. लेकिन फायदा पहुंचाने वाली मछली बारिश के मौसम में नुकसान भी पहुंचा सकती है. हम बताते हैं कि बरसात में सीफूड खाने से क्या नुकसान हो सकता है.

    विधि

    बारिश के मौसम में चटपटा खाना सभी फेवरेट हो जाता है. पकौड़े, चाट के साथ सीफूड लोगों की पसंदीदा लिस्ट में शामिल हो जाता है. सीफूड में सबसे ज्यादा मछली और इससे बनने वाली डिशेस की डिमांड बढ़ जाती है. मछली खाना अच्छी बात है. इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर के फायदेमंद होते हैं. मछली के सेवन से दमा, शुगर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है. लेकिन फायदा पहुंचाने वाली मछली बारिश के मौसम में नुकसान भी पहुंचा सकती है. हम बताते हैं कि बरसात में सीफूड खाने से क्या नुकसान हो सकता है.

    यह मौसम मछलियों और बाकी जलीय जीवों के प्रजनन का समय होता है. इसलिए इन दिनों में इनका सेवन करने से फूड प्वाइजनिंग की समस्या या पेट संबंधी दूसरी बीमारियों के होने का खतरा बढ़ सकता है.

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    बारिश का पानी नालों और गंदी जगहों से होता हुआ नदी और तालाबों में जाता है. इस पानी में तमाम गंदगी होती है जिनका सेवन मछलियां और जलीव जंतु करते हैं. बाद इन्हीं मछलियों और जलीव जीवों का सेवन हम करते हैं तो ऐसी गंदगी शरीर में प्रवेश कर जाती हैं.

    बारिश में जगह-जगह गड्ढों में भरे पानी में मछरों को पनपने से रोकने के लिए कीटनाशक का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं मछली पालन केंद्र के तालाबों में भी ऐसे कीटनाशक डाले जाते हैं. बारिश के पानी के साथ कीटनाशक वाला पानी फिर से नदियों और तालाबों में पहुंच जाता है. जिससे मछलियां भी दूषित हो जाती हैं.


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    वहीं ऐसा भी माना जा सकता है कि बारिश में मछली पकड़ना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. या फिर अत्यधिक बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति में बहुत ज्यादा तादात में मछलियां मर जाती हैं. इन्हीं मछलियों को पकड़कर, पैक करके या फिर स्टोर करके रखा जाता है. मांग वाली जगहों पर इन्हीं मछलियों पहुंचाया जाता है. इन्हें ताजा रखने के लिए बर्फ का सहारा लिया जाता है, लेकिन मछलियां सड़ी हुई होती हैं. इसलिए बारिश में कोशिश करें कि मछलियों का सेवन न करें.

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