• X

    सुपर फूड खिचड़ी की रोचक कहानी, देशभर में फेमस हैं ये खिचड़ी

    खिचड़ी एक ऐसा भोजन है जिसे छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हर उम्र के लोग खाते हैं. खिचड़ी में वो सारे पोषक तत्व होते हैं जो हमारे शरीर को फिट रखने के लिए जरूरी होते हैं. दो-तीन तरह की दालें, अलग-अलग सब्जियां और मसाले इसे खास बना देते हैं. तभी तो अब इसे सिर्फ मरीजों का ही नहीं बल्कि सभी के लिए जरूरी आहार माना गया है. आप सोच रहे होंगे कि हम खिचड़ी के बारे में क्यों बता रहे हैं. तो इसके पीछे वजह ये है इस साल खिचड़ी को भारत की ओर से सुपर फूड के रूप में प्रोजेक्ट किया गया था. इसी खिचड़ी ने भारत को विश्वस्तर पर पहचान दिलाई. खिचड़ी बनाने में देश के नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज है.

    विधि

    खिचड़ी एक ऐसा भोजन है जिसे छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हर उम्र के लोग खा सकते हैं. खिचड़ी में वो सारे पोषक तत्व होते हैं जो हमारे शरीर को फिट रखने के लिए जरूरी होते हैं. दो-तीन तरह की दालें, अलग-अलग सब्जिया और मसाले इसे खास बना देते हैं. तभी तो अब इसे सिर्फ मरीजों का ही नहीं बल्कि सभी के लिए जरूर आहार माना गया है. आप सोच रहे होंगे कि हम खिचड़ी के बारे में क्यों बता रहे हैं. तो इसके पीछे वजह ये है इस खिचड़ी को भारत की ओर से सुपर फूड के रूप में प्रोजेक्ट किया गया था. इसी खिचड़ी ने भारत को विश्वस्तर पर पहचान दिलाई. खिचड़ी बनाने में देश के नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज है.

    नवंबर महीने में दिल्ली में हुए वर्ल्ड फूड इंडिया में खिचड़ी को इसकी गुणवत्ता की वजह से राष्ट्रीय पहचान मिली. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल, बाबा रामदेव, शेफ संजीव कपूर आदि के योगदान से 918 किलो की खिचड़ी बनाई गई. जिसके बाद भारत ने सबसे ज्यादा मात्रा में खिचड़ी बनाने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. पोषण से भरपूर होने की वजह से इसे सुपर फूड कहा गया.

    ये है खिचड़ी का इतिहास:

    वास्तव में खिचड़ी एक संस्कृत शब्द 'खिच्चा' से आया है. खिचड़ी एक एंग्लो इंडियन डिश केडगेरी और मिस्त्र की डिश कुशारि से भी प्रेरित है. मोरोक्कन यात्री Ibn Battuta ने 1350 में सिरका में रहने के दौरान खिचड़ी का जिक्र किशरी के नाम से किया था जिसे उन्होंने चावल और मूंगदाल से बनाने की बात कही है. वहीं दूसरी ओर मुगल काल में खिचड़ी बहुत फेमस थी. 16 वीं सदी में मुगल शहंशाह अकबर के वज़ीर Abu'l-Fazl ibn Mubarak द्वारा लिखे गए मुगल दस्तावेज 'Ain-i-Akbari' में भी खिचड़ी की रेसिपी लिखी गई थी और वो भी 7 अलग-अलग तरीकों से.

    वैसे खिचड़ी तो देश के हर राज्य में बनती हैं, इसे अलग-अलग तरीके और अलग-अलग नामों से जाना जाता है. यहां हम बता रहे हैं खिचड़ी का इतिहास, कौन से क्षेत्र में कौन-सी खिचड़ी बनती है, मतलब देश के किस कोने में किस तरह की खिचड़ी बनाई जाती है.

    कुछ इस तरह से अलग है नॉर्थ इंडियन खिचड़ी:
    देश के उत्तरी राज्य के हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में खिचड़ी बहुत चाव से खाई जाती है. हरियाणवी खिचड़ी बाजरा और धुली मूंगदाल से बनाई जाती है. इसे घी, दही और लस्सी के साथ खाया जाता है. चूंकि वहां ज्वार की पैदावार भी बहुत अच्छी होती है तो खिचड़ी बनाने के लिए कभी कभार बाजरा और मूंगदाल के साथ-साथ ज्वार का भी इस्तेमाल किया जाता है.
    पंजाब और दिल्ली में खिचड़ी अरहर दाल से बनाई जाती है. इसे बनाते समय तो घी से छौंका ही जाता है और सर्व करने के बाद ऊपर से भी घी डाला जाता है. इसे अपने चार यार यानी दही, पापड़, घी और अचार के साथ ही खाया जाता है.

    ये है पूर्वोत्तर की खिचड़ी की खास बात:
    पूर्वोत्तर में हम बात करेंगे बंगाल, ओडिशा और बिहार की.
    बंगाली खिचड़ी तो पूरे भारत में ही प्रसिद्ध है. बंगाल में इसे खिचूरी कहा जाता है. चावल और मूंगदाल से बनने वाली इस खिचड़ी में बहुत सारी सब्जियां भी डाली जाती है, जैसे बड़े टुकड़ों में कटा हुआ फूलगोभी, आलू, टमाटर, सीताफल (पंपकिन), मटर आदि. इसे पंचफोरन (कलौंजी, मेथी, जीरा, सौंफ और सरसों) से छौंका जाता है. खिचड़ी बनाने से पहले मूंगदाल को सूखा भून लिया जाता है और फिर से चावल के साथ मिक्स कर धोया जाता है.
    बिहार में भी खिचड़ी का स्वाद अछूता नहीं है. बिहार में खिचड़ी पकाते समय इसमें गरम मसाला जरूर डाला जाता है. खिचड़ी के प्लेट में डालने के बाद ऊपर से घी डाला जाता है. बैंगन भर्ता, आलू भर्ता, टमाटर की चटनी, पापड़ और आम के अचार के साथ इसे खाया जाता है. बिहार में हर शनिवार और मकर संक्रांति की रात खिचड़ी खाने की परंपरा है. सर्दी में इसमें फूलगोभी और हरी मटर भी डाली जाती है.
    ओडिशा में खिचड़ी बहुत ही पसंद की जाती है. वहां एक नहीं बल्कि कई तरह की खिचड़ी बनती हैं जैसे हींग और अदरक की खिचड़ी, मूंगदाल खिचड़ी आदि. हींग और अदरक से बनने वाली इस खिचड़ी का भोग भगवान जगन्नाथ को भी लगाया जाता है. इसे आदाहेंगू खिचड़ी कहते हैं. बाकी घर पर मूंगदाल की खिचड़ी को पापड़, अचार, दही, आलू भर्ता, बैंगन भर्ता, रायता, दालमा, चटनी आदि के साथ परोसा जाता है.

    ऐसा है दक्षिणी खिचड़ी का स्वाद:
    साउथ इंडिया के कर्नाटक में बिसे बेले भाथ नाम से खिचड़ी को जाना जाता है. जबकि पर्व-त्योहारों पर खारा पोंगल बनाया जाता है. त्योहारों पर दक्षिण भारत में बनने वाला वेन पोंगल भी एक तरह से खिचड़ी का ही रूप है. यह खासतौर पर तमिलनाडु में बनाया जाता है. इसे दाल और चावल से ही बनाया जाता है पर तड़के के लिए काली मिर्च, जीरा और काजू का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं केरल में मथन खिचड़ी और आंध्र प्रदेश में दाल, मसाले और चावल से खिचड़ी बनती है जिसे पुलगम के नाम से जाना जाता है. बंगलुरू के इस्कॉन मंदिर में खिचड़ी को प्रसाद के तौर पर बांटा जाता है.

    कढ़ी से खाई जाती है पश्चिमी खिचड़ी:
    पश्चिमी भारत के गुजरात की बात करें तो खिचड़ी वहां बहुत ही फेमस है. गुजरात में खिचड़ी को कढ़ी और वहां की पारंपरिक डिश उंधियू के साथ सर्व किया जाता है. उंधियू ज्यादातर सर्दियों में कई प्रकार की सब्जियों को और खूब सारे मसाले डालकर बनाई जाती है.
    कच्छ के लोगों के लिए यह रोजाना खाया जाने वाला पारंपरिक खाना है. वहां के लोग इसे खिचरी कहते हैं. कम तेल और अच्छे से पकाई हुई खिचड़ी को बहुत ही पौष्टिक और हल्का भोजन माना जाता है. आयुर्वेदिक खान-पान से प्रेरित लोगों के बीच तो यह बहुत फेमस है ही.

    ऐसे बनती है सेंट्रल इंडिया में खिचड़ी:
    मध्य भारत यानी छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की तरफ खिचड़ी को चावल के साथ तीन तरह की दाल जैसे चना दाल, मसूर दाल और अरहर दाल व बाकी हरी सब्जियों से बनाया जाता है. इसे तेल नहीं बल्कि पूरी तरह से घी में छौंका जाता है. इमली की खट्टी-मीठी चटनी के साथ इसका स्वाद शानदार लगता है.

    क्‍या ये रेसिपी आपको पसंद आई?
    1


    अपने दोस्‍त के साथ साझा करें
    टैग्स
Good 0
Poor 0

Advertisment

ज़ायके का सबसे बड़ा अड्डा

पकवान गली में आपका स्‍वागत है!

आप हर वक्‍त खाने-खिलाने का ढूंढते हैं बहाना तो ये है आपका परमानेंट ठिकाना. कुछ खाना है, कुछ बनाना है और सबको दिखाना भी है, लेकिन अभी तक आपके हुनर और शौक को नहीं मिल पाया है कोई मुफीद पता तो आपकी मंजिल का नाम है पकवान गली.


ज़ायका ही आपकी जिंदगी है तो हमसे साझा करें अपनी रेसिपी, कुकिंग टिप्‍स, किसी रेस्‍टोरेंट या रोड साइड ढाबे का रिव्‍यू.

रेसिपी फाइंडर

या
कुछ मीठा हो जाए